PM MODI : के खिलाफ घोषणापत्र को “मुस्लिम लीग छाप” कहने पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिखायत ,जानिए

PM MODI : कांग्रेस का घोषणापत्र रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी ध्यान देता है,और साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) या एमएसपी(MSP)  की गारंटी देने का भी वादा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM) को कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को मुस्लिम लीग की ‘छाप’ बताया है।  

PM MODI : शुक्रवार को कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव का घोषणापत्र जारी किया (फाइल) गया ।

न्यू दिल्ली: सोमवार को, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP)  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मुस्लिम लीग छाप” और उनके प्रतिद्वंद्वी के घोषणापत्र पर “झूठ का पुलिंदा” तंज को लेकर लोकसभा चुनाव में तीखे हमले किए । और मोदी के खिलाफ कहा | 

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लड़ाई का नेतृत्व करते हुए कहा – कि भाजपा को पता है कि वह इस चुनाव में हार जाएगी और डर से काम कर रही है, और पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत भी की है।

प्रधानमंत्री (PM) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में एक चुनावी रैली में कहा – कि कांग्रेस का घोषणापत्र “पूरी तरह से मुस्लिम लीग की छाप जरूर  रखता है”।

 PM मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में झूठ का पुलिंदा जारी किया है |  भारत को विभाजित करने की कोशिशें हर पन्ने पर दिखाई दे रही हैं। यह आजादी से पहले मुस्लिम लीग की सोच को में दिखाता है।”

1.PM MODI : नरेंद्र मोदी के खिलाफ क्या कहा जानिए

  भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज सुबह छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक रैली में कहा,कि “कांग्रेस को बार-बार खारिज किया गया है लेकिन वे तुष्टिकरण की राजनीति पर जोर दे रहे हैं।” मैं घोषणापत्र देखकर चौक गया। क्या वह या उनका घोषणापत्र है? या मुसलमान लीग का..।

कुछ घंटों बाद, कांग्रेस ने अपने चुनावी हलफनामे में श्री मोदी और दूसरे केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (केरल के तिरुवनंतपुरम से भाजपा के उम्मीदवार) के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई | 

कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं को बताया, कि “हमने कई मुद्दे उठाए हैं। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी जी ने हमारे घोषणापत्र को राजीव चंद्रशेखर के चुनावी हलफनामे और “मुस्लिम लीग की नकल” के बारे में बताया था ।श्री खेड़ा सहित चुनाव पैनल ने आज दोपहर एक बैठक रखी ।

श्री खड़गे ने भी “मुस्लिम लीग छाप” पर बहुत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और प्रधान मंत्री और गृह मंत्री अमित शाह को “झूठ फैलाने” का आरोप लगाया था | 


उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि (श्यामा) प्रसाद मुखर्जी ने 1940 के दशक में गठबंधन में बंगाल, सिंध और एनडब्ल्यूएफपी (उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत) में अपनी सरकारें बनाईं गई थी ।” मुसलमान लीग के साथ मिलकर बनाई | 

श्री खड़गे ने ट्विटर एक्स पर पोस्ट किया कि “मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था।”

 वर्ष 1942 में मौलाना आज़ाद की अगुवाई में गांधीजी का “भारत छोड़ो आंदोलन “, मोदी-शाह के वैचारिक पूर्वजों ने इसका विरोध किया था। मोदीजी के भाषणों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भाव भी झलकता है । BJP का चुनावी ग्राफ लगातार गिरता ही जा रहा है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा (RSS) को मुस्लिम लीग की याद आने लगी है ! श्री खड़गे ने कहा।

कांग्रेस ने पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की प्रारंभिक टिप्पणी के बाद कहा कि वह ‘अपना इतिहास नहीं जानता’।’

प्रधानमंत्री अपने इतिहास को नहीं जानता। वास्तव में, वह हिंदू महासभा के अध्यक्ष मुखर्जी थे, जो खुद बंगाल में गठबंधन सरकार में मुस्लिम लीग के साथ शामिल हो गए थे ।  इसमें भाजपा (BJP) है कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “कांग्रेस नहीं, जो विभाजन की राजनीति में विश्वास करती है और उसका पालन करती है”, समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह शब्द कहा।:”

विवादित खंड, शुक्रवार को जारी किया गया घोषणापत्र, दलितों सहित हाशिए पर रहने वाले समूहों को उच्चतम न्यायालय की 50 प्रतिशत से अधिक सीमा से बाहर आरक्षण देगा।

1929 में मुस्लिम लीग ने धर्म के आधार पर आरक्षण की मांग की थी । कांग्रेस भी यही कहती है। जिस तरह से धर्म के आधार पर आरक्षण की बात हो रही है और पचास प्रतिशत से अधिक आरक्षण का वादा किया जा रहा है | श्री नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को जो लाभ होना चाहिए, वह जरूर बताना चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, “प्रधानमंत्री अपने भाषणों में जो कहते हैं उससे हमें बहुत दुख होता है, उन्होंने हमारे घोषणापत्र के बारे में जो कहा है वह एक झूठ का पुलिंदा है, हम इससे  दुखी हैं।” तुम कहीं से भी डिग्री ले सकते हो। 

आप दूसरी पार्टी पर बहस कर सकते हैं या इसका विश्लेषण जरूर कर सकते हैं, लेकिन यह कहना – कि एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी जो हमारे राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल है, अपने घोषणापत्र में झूठ का ऐसा पुलिंदा लिखेगी, जबकि घोषणापत्र अच्छी तरह से लिखा गया है, यह अस्वीकार्य है। ऐसा कहा है | 

 नोट = यह आर्टिकल सिर्फ पढ़ने के लिए है कृपया इसको सीरियस न ले और न ही समझे |
धन्यवाद !

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