Surya Grahan 2024 : सूर्य ग्रहण कब है,और किस समय है,किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए|जानिए

 Surya Grahan 2024 : 8 अप्रैल, 2024 को साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। अमेरिका में यह ग्रहण सबसे अधिक प्रभावी होगा, लेकिन भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा।  अगर आपको इससे जुडी कुछ बाते जाननी है तो बने रहिये !

चैत्र अमावस्या को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण होगा। 8 अप्रैल, सोमवार को इस बार सूर्य ग्रहण होगा। 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर यह ग्रहण शुरू होगा और 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा।रात 11 बजकर 47 मिनट पर मध्य सूर्यग्रहण होगा। यह पूरी तरह से सूर्यग्रहण होगा | सूर्यग्रहण 05 घंटे 10 मिनट की अवधि का होगा। 

8 अप्रैल 2024 , सोमवार को इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण होगा। इसमें पूरा सूर्यग्रहण होगा। माना जाता है कि इस वर्ष का सूर्य ग्रहण बहुत अलग होगा। सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान करीब सात मिनट तक अंधेरा रहेगा। और उस समय सूर्य नहीं दिखाई देगा, सिर्फ कोरोना दिखाई देगा। 

ग्रहण क्षेत्र में रहने वाले लोग धूमकेतु को भी सीधे देख सकेंगे क्योंकि बृहस्पति और शुक्र भी पृथ्वी के करीब हैं। सूर्यग्रहण से लगभग बारह घंटे पहले सूतक लगता है। सूतक काल में कुछ नियमों (Sutak Time and Rules) का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कि सूतक क्या होता है, कितने बजे होता है और सूतक काल से ग्रहण काल तक।

Surya Grahan 2024 : 2024 में 8 अप्रैल, सोमवार को पहला सूर्य ग्रहण होने वाला है। 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट पर यह ग्रहण लगभग शुरू होगा और 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा । रात 11 बजकर 47 मिनट पर मध्य सूर्यग्रहण (बीच का समय) होगा। यह पूरी तरह से सूर्यग्रहण होगा।

सूर्यग्रहण पाँच घंटे 10 मिनट का होगा।सूर्यग्रहण मीन राशि और रेवती नक्षत्र में होगा। भारत में यह ग्रहण नहीं होगा, इसलिए इसे सूतक काल नहीं माना जाएगा। 

2. Surya Grahan 2024 : सूतक काल से लेकर ग्रहण काल खत्‍म होने तक इन बातो का ध्यान जरूर रखे

 Surya Grahan 2024 : सूतक काल से लेकर ग्रहण काल खत्‍म होने तक इन बातो का ध्यान रखे – 

 1. भगवान की पूजा न करें। 

2. उनके चित्रों को हाथ नहीं लगाना। 

3. खाना न पकाएं, भोजन ग्रहण करने से अशुद्ध हो सकता है।

4. नया काम करने से बचें।

5. ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए; यदि देखना चाहिए तो एक्सरे की मदद ले सकते हैं।

6. सूतक लगने के बाद भोजन करने से बचें। ये नियम गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बीमार लोगों और बुजुर्गों पर लागू नहीं हैं।

7. गर्भवती महिलाओं को सूतक लगने के बाद घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। 

8 सूतक लगने के बाद गर्भवती महिलाएं सिलाई कढ़ाई नहीं करें।

9. सूतक लगने के बाद ग्रहण पूरा होने तक किसी धारदार वस्तु (जैसे कैंची, चाकू, ब्लेड) का प्रयोग न करें। 

10.गर्भस्थ शिशु के अंगों में चोट लग सकती है। 

Surya Grahan 2024 :

3. Surya Grahan 2024 : सूतक काल से लेकर ग्रहण काल खत्‍म होने तक यह काम जरूर कर सकते है

 Surya Grahan 2024 : सूतक काल से लेकर ग्रहण काल खत्‍म होने तक यह काम जरूर कर सकते है नीचे दिए गए – 

1. सूतक काल के दौरान किसी भी मंत्र या तंत्र पर विचार करें। मानसिक का ध्यान बहुत शुभ माना जाता है।

2. सूतक लगने से पहले भोजन में तुलसी का पत्ता जरूर डालें। विशेष रूप से दूध जैसे डेयरी उत्पादों में।

3. गर्भवती महिलाएं अपने साथ नारियल रखें।क्योकि  इससे ग्रहण का बुरा प्रभाव दूर हो जाता है।

4. भोजन से पहले गर्भवती महिलाओं को गेरू जरूर लगाना चाहिए।

5. सूतक या ग्रहण काल में गर्भवती महिला, वृद्ध व्यक्ति या बीमार व्यक्ति को खाना खिलाएं जो सूतक से पहले तुलसी का पत्ता डालना न भूले |  

4. Surya Grahan 2024 : सूतक काल क्या होता है और कब लगेगा जानिए

 Surya Grahan 2024 : सूतक काल के बारे में जानिए –  

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि सूतक काल सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। यह समय है जब प्रकृति भावुक हो जाती है और वातावरण में नकारात्मकता फैल जाती है। इस समय को सूतक काल कहा जाता है क्योंकि इसे अशुभ समय माना जाता है। सूतक काल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है। सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्म होने तक कुछ नियमों का पालन करना बाहत अनिवार्य है।

भारतीय समय के अनुसार इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण करीब 09:12 पर शुरू होगा और 01:25 पर समाप्त होगा। यानी भारत में उस समय रात होगी। इसलिए भारत में ये ग्रहण नहीं दिखाई देंगे और उनका कोई प्रभाव नहीं होगा। इसलिए सूतक नियम भारत में भी लागू नहीं होंगे। ये ग्रहण पश्चिमी यूरोप, पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, कनाडा, उत्तर-पश्चिमी इंग्लैंड और आयरलैंड में दिखाई देंगे। इस बार इंडिया में नहीं होगा ग्रहण | 

Surya Grahan 2024 :

5. Surya Grahan 2024 : ग्रहण का इतिहास जानिए

Surya Grahan 2024 : ग्रहण का इतिहास जरूर जाने –  

 हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राहु और केतु ग्रह ग्रहण से जुड़े हैं। समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और राक्षसों में अमृत से भरे कलश के लिए लड़ाई हुई। तब राक्षसों ने उस युद्ध में जीत हासिल की और कलश को पाताल में चले गए। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण कर असुरों से अमृत कलश ले  लिया।

इसके बाद भगवान विष्णु ने देवताओं को अमृत पिलाना शुरू किया तो एक राक्षस स्वर्भानु ने धोखे से अमृत पी लिया और  देवताओं ने इस बारे में पता लगाकर भगवान विष्णु को बताया। 

 भगवान विष्णु ने उसका सिर धड़ से सुदर्शन चक्र से अलग कर दिया। माना जाता है कि स्वर्भानु के शरीर के दो हिस्सों को राहु और केतु कहा जाता है, और वह देवताओं से अपमान का बदला लेने के बाद बार-बार सूर्य और चाँद से बदला लेता है। और तभी से सूर्य ग्रहण शुरू हो गया था | 

 नोट = यह आर्टिकल सिर्फ पढ़ने के लिए है कृपया इस आर्टिकल को सीरियस न समझे | 
धन्यवाद !

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